Narmada River , जिसे पूर्व में नर्बदा या अंग्रेजी में नेरबुड्डा के नाम से भी जाना जाता था। यह भारत की 5वीं सबसे लंबी नदी है और कुल मिलाकर देश में पश्चिम की ओर बहने वाली एकमात्र सबसे लंबी नदी है। यह मध्य प्रदेश राज्य में सबसे बड़ी बहने वाली नदी भी है । यह नदी भारत के मध्य प्रदेश और गुजरात राज्यों से होकर बहती है । Narmada River के विशाल योगदान के कारण इसे “मध्य प्रदेश और गुजरात की जीवन रेखा” के रूप में भी जाना जाता है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के अनुपपुर जिले में अमरकंटक की पहाड़ियों से निकलती है। यह उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सीमा रेखा बनाती है और गुजरात के भरूच जिले से 30 किमी (18.6 मील) पश्चिम में खंभात की खाड़ी से होते हुए अरब सागर में गिरती है, नर्मदा की लंबाई 1,312 किमी (815.2 मील) है।
नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध परियोजना
सरदार सरोवर परियोजना गुजरात में Narmada River पर बना एक विशाल बाँध है। सरदार सरोवर बाँध से चार राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में पानी तथा बिजली की आपूर्ति होती है।
सरदार सरोवर बाँध का निर्माण कंक्रीट या पत्थर से किया गया है, जिसे पूरे जल भार को नीचे की ओर स्थानांतरित करने के लिये बनाया जाता है।
यह बाँध मुख्य रूप से बड़े पैमाने पर सिंचाई और जलविद्युत, कारखानों आदी परियोजनाओं के लिये बनाया गया है।
परियोजना की शुरुआत तथा उद्देश्य
• इस परियोजना का आरंभ वर्ष 1979 में मुख्य रूप से राज्य में कृषि और बिजली से संबंधित समस्याओं को कम करने के उद्देश्य से की गई थी।
• परियोजना से उत्पादित जल विद्युत ऊर्जा को गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों के बीच साझा किया जाएगा, जबकि सिंचाई का लाभ गुजरात एवं राजस्थान द्वारा लिया जा सकता है।
नर्मदा नदी की सहायक नदियां:-
प्रमूख सहायक नदियां:- हिरदन , टिन्डोनी, बारना, कोलार, मान, उरी, हथिनी, ओरसंग l बर्नर, बंजर, शेर, शक्कर, दूधी, तवा, गंजाल, छोटा तवा,कुंदी, गोई, कर्जन
Narmada River पर प्राचीन तीर्थ तथा मंदिर
Narmada River के आस पास बहुत से प्रचीन नगर तीर्थ , मन्दिर , आश्रम बसे हुए हैं। जिसका विस्तार है:- अमरकंटक, माई की बगिया से नर्मदा कुंड, मंडला, जबलपुर, भेड़ाघाट, बरमानघाट, पतईघाट, मगरोल, जोशीपुर, छपानेर, नेमावर, नर्मदासागर, , कातरखेड़ा, शूलपाड़ी की झाड़ी, हस्तीसंगम, छापेश्वर, पामाखेड़ा, धावड़ीकुंड, ओंकारेश्वर, बालकेश्वर, इंदौर, मंडलेश्वर, महेश्वर, खलघाट, चिखलरा, धर्मरायसरदार सरोवर, गरुड़ेश्वर, चंदोद, भरूच। इसके बाद लौटने पर पोंडी होते हुए बिमलेश्वर, कोटेश्वर, गोल्डन ब्रिज, बुलबुलकंड, रामकुंड, बड़वानी, ओंकारेश्वर, खंडवा, होशंगाबाद, साडिया, बरमान, बरगी, त्रिवेणी संगम, महाराजपुर, मंडला, डिंडोरी और फिर अमरकंटक। नर्मदा के तट पर कई ऋषि मुनियों के आश्रम और तिर्थंकरों की तपोभूमि विद्यमान है।
क्यों है नर्मदा की दिशा विपरीत
क्या आप सभी को पता है कि नर्मदा नदी सभी नदियों की दिशा के विपरीत नर्मदा नदी उल्टी दिशा में बहती है और इसकी ये खूबी इसे सभी नदियों से अलग बनाती है। गोदावरी और कृष्णा के बाद नर्मदा तीसरी सबसे लंबी नदी है जो पूरी तरह से भारत के भीतर बहती है। MP के लोग पूरी तरह से नर्मदा नदी पर निर्भर हैं। लोग नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा मानते हैं। यह भारत की प्रमुख नदियों में से एक है जो ताप्ती और माही के साथ पूर्व से पश्चिम की ओर उल्टी दिशा में बहती है।