भारत में जब भी नदियों की बात आती है तो वहा गंगा और यमुना के बाद नर्मदा नदी का नाम सबसे टॉप पर होता है। नर्मदा नदी धार्मिक प्रथाओं को खुद में समेटे हुए ये खूबसूरत नदी सदियों से बहती जा रही है और अपना पवित्र जल दूसरों तक पहुंचा रही है। चाहे अमरकंटक का घाट हो या महेश्वर का किनारा ये नदी अपने आप में ही पवित्रता का स्तम्भ है और हिन्दुओं के बीच न जाने कितने समय से पूजी जाती रही है। यह नदी भारत के पश्चिम में बहने वाली एकमात्र सबसे बड़ी नदी है।
नर्मदा नदी का उद्गम स्थल
नर्मदा नदी मध्यप्रदेश और गुजरात , इन दोनों राज्यों की सबसे बड़ी नदी है।
नर्मदा नदी का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में नर्मदा कुंड से हुआ है, जो की अमरकंटक नामक स्थान में स्थित है।
नर्मदा नदी के उद्गम स्थल पर विंध्याचल और सतपुड़ा की पर्वत श्रृंखलाएं है जिसके बिच मे नर्मदा बहती हैं।
मीठे पानी का मगरमच्छ :
नर्मदा नदी में मगरमच्छ प्रमुख जल का राजा है। मगरमच्छ जिसके बारे में तथ्य है कि धरती पर उसका अस्तित्व 25 करोड़ साल पुराना है। यह मगर नर्मदा जल (मीठे पानी) का मगरमच्छ दुनिया के दुसरे मगरमच्छों से भिन्न है।
Narmada River के प्रमुख बांध :
नर्मदा नदी पर ज़िला खंडवा में:- इंदिरा सरोवर
नवेगांव में :- सरदार सरोवर
महेश्वर में :- महेश्वर परियोजना
बरगी जबलपुर में :- बरगी परियोजना
ओंकारेश्वर में :- ओमकरेश्वर परियोजना बांध निर्मित हैं।
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